सुधा जी ऊर्जावान, तेजस्वी,आत्मविश्वासी महिला

आम तौर पर हमारे या आपके दिमाग में बुढ़ा, बुजुर्ग या बुढ़ापे की जो एक इमेज है वो 50 साल से शुरू हो जाती है अक्सर हम यही कल्पना करते हैं कि अगर किसी की उम्र 60 या 70 के बीच की हो या उससे ज्यादा तब तो वो उम्र के उस पड़ाव पर पहुच ही चुका होगा जहां उसे किसी ना किसी सहारे की जरूरत पड़ेगी ही लेकिन इस थयुरो को हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली सुधा जी ने बदल कर रख दी है। सुधा जी 70 साल की हैं लेकिन बुढ़ापा और उनका दूर दूर तक ताल्लुक नहीं है।सुधा जी की ये प्रेरणा दायक कहानी उन सभी को पढ़नी चाहिए जो उम्र के आगे घुटने टेक चुके हैं।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली 70 साल की सुधा जी अपने आप में ही एक मिसाल हैं।सुधा जी को देख कर नारी शक्ति का आभास होता है। सुधा जी एक पढ़ी-लिखी सुशिक्षित और कुशल गृहणी है। अपने बेटों और बेटियों की सुपरमॉम हैं तो अपने बहुओं के लिए Iron lady हैं। सुधा जी ऊर्जावान, तेजस्वी, आत्मविश्वासी महिला हैं जिन्होंने अपने बच्चों को ना सिर्फ अच्छी परवरिश दी बल्कि उन्हें जीवन में एक मुकाम पर पहुंचाने में कामयाब हुईं। सुधा जी अपने जीवन में संघर्ष कामयाबी और ना जाने कितने पड़ाव से गुजर कर अब उम्र (70)के इस पड़ाव पर आ चुकी हैं, जहां शरीर में बाहरी ही नहीं अंदरूनी तौर पर भी कई बदलाव आते हैं। इस उम्र में ज्यादातर लोगों को बुढ़ापे से होने वाली समस्याओं से गुजरना पड़ता है। बुढ़ापा आते ही शरीर का मेटावॉलिजम कमजोर हो जाता है साथ ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। एक वक्त आया जब सुधा जी का शरीर बीमारियों का घर हो गया। सरवाइकल, बीपी, कोलेस्ट्रॉल, थायरॉइड युरिक एसिड का बढ़ना और ना जाने कितनी बीमारियों ने उन्हें घेर लिया। उम्र बढ़ रही तो चेहरे पर झुर्रियां और बालों का सफेद होना भी तय ही था। सुधा जी अपने जिन-जिन तकलीफों से गुजर रहीं थी उसका वो नियमित रूप से इलाज भी करवा रहीं थीं, लेकिन उन्हें वो फायदा ही नहीं हुआ। उन्होंने भी सोच लिया था कि ये उम्र का तकाजा है,अब ऐसे ही उन्हें जिंदगी गुजारनी है, लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था, और ऊपर वाले ने भी उन्हें अभी दूसरों की सेवा के लिए स्वस्थ रखना था। सुधा जी का एक दिन टीवी के माध्यम से हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़ना हुआ, और उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। उन्होंने पहले हकीम साहब द्वारा बताए घरेलू नुस्खों को अपनाया जिससे उन्हें काफी आराम मिला, वक्त गुजरता गया और वो हर नुस्खों को आजमाती गईं। आज सुधा जी को देखने वाले ये कह ही नहीं सकते है कि उनकी उम्र 70 साल की हैं, वो हर तरह से फिट और चुस्त हैं।सुधा जी बताती हैं कि उनके सेहत का राज सिर्फ और सिर्फ हकीम साहब का बताया गया घरेलू नुस्खा है ।सुधा जी ने हकीम साहब के नुस्खे से अपने घर में ही कई लोगों का इलाज किया। सुधा जी बताती हैं कि उनके बेटे को कान की समस्या इतनी बढ़ गई थी कि डॉक्टर ने ऑपरेशन तक के लिए कह दिया था हालंकि उन्होंने हकीम साहब द्वारा बताए गए नुस्खों से अपने बेटे को बिलकुल ठीक कर लिया। सुधा जी हकीम साहब के नुस्खों से इतनी प्रभावित हैं कि वो अब कोई भी नुस्खा अपने तक नहीं रखती बल्कि जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम कर रही हैं। नुस्खा और दवाई अब उनके रिश्तेदार और पड़ोसी भी इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे उन्हें काफी हद तक फायदा पहुंचा है।

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