देवेश सागर, हरिद्वार
हरिद्वार: जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के विदाई सम्मान में शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों, कर्मचारियों, मीडिया व जनपद की समस्त जनता द्वारा उन्हें दिये गये सकारात्मक सहयोग के लिये हार्दिक आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि मैंने माह अगस्त,2021 को जनपद हरिद्वार का बतौर जिलाधिकारी पदभार ग्रहण किया था। जिलाधिकारी ने जिक्र करते हुए कहा कि हरिद्वार जनपद की चुनौतियां-चाहे धार्मिक आयोजन हों, विकास हो, हर तरह से अन्य जनपदों से अलग हैं, लेकिन मैंने कभी भी इन चौनौतियों की परवाह किए बगैर निरन्तर कार्य किया। विनय शंकर पाण्डेय ने कहा कि हर अधिकारी/कर्मचारी अपने आप में लीडर होता है, प्रत्येक में लीडरशिप की क्वालिटी होती है, लेकिन जरूरत उसे प्रेरित करने की होती है। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य करें, उसे खुलकर मन लगाकर करें, सफलता अवश्य मिलेगी। अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि लगभग दो साल के कार्यकाल में उन्हें हमेशा अच्छे अनुभव मिले, जिसका श्रेय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जाता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जीवन में सन्तुलन बहुत आवश्यक है। इसलिये हर जगह सन्तुलन बनाये रखें और आफिस आदि का तनाव घर लेकर कभी भी न जायें हमेशा खुश रहें।
कर्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पी0एल0 शाह ने कहा कि जिलाधिकारी का एक अभिभावक की तरह हमेशा संरक्षण मिला। उन्होंने कहा कि वे हमेशा यह याद दिलाते रहते थे कि अगर आपकी पहल से प्रतिदिन दो गरीब व्यक्तियों की मदद हो जाती है, तो इससे अधिक नेकी का कार्य कुछ भी नहीं है। उन्होंने कावंड़ मेला, जल जीवन मिशन, विधान सभा चुनाव, पंचायत चुनाव आदि का जिक्र करते हुये कहा कि जिलाधिकारी का कुशल मार्गदर्शन इनके संचालन में हमेशा मिलता रहा। परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण विक्रम सिंह ने कहा कि मैं लगभग 12 वर्ष से अधिक समय से उनसे जुड़ा हूं। वे प्रशासनिक कुशल अनुभव, निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता के साथ-साथ ज्योतिष के भी अच्छे ज्ञाता हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में भी आवश्यकता पड़ने पर उनका मार्गदर्शन मिलता रहेगा। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने समारोह में अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जिलाधिकारी में नेतृत्व करने की क्षमता एक्ट्राआर्डनरी है। कोविड-19 वैक्सीनेशन का लक्ष्य हो या सौंपे गये अन्य चुनौतीपूर्ण कार्य हों, उनके मार्ग-दर्शन में सफल सम्पादन किया गया।