पुष्कर सिंह धामी ने गांवों और शहरों में सड़कों, अवस्थापना विकास और रोजगार के लिए बजट की खोल दी पोटली

पुष्कर सिंह धामी सरकार ने गांवों और शहरों में सड़कों, अवस्थापना विकास और रोजगार के लिए बजट पोटली खोल दी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में किसानों, पूर्व सैनिकों, युवाओं, महिलाओं, उद्यमियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों का विशेष ध्यान रखा गया। आइए जानते हैं बजट के प्रमुख बिंदु-

  • मेधावियों को छात्रवृत्ति, बनेंगे उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय
  • राज्य योग्यता छात्रवृत्ति के लिए पांच करोड़  व बालिका शिक्षा प्रोत्साहन को साइकिल के लिए 15 करोड़
  • एनसीसी कैडेट्स के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना को 50 हजार रुपये बजट
  • सरकारी भर्तियों को जारी रखने का संकल्प, बजट का प्रविधान
  • लखवाड़ परियोजना को पांच करोड़ की राशि
  • रिवेंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के अंतर्गत विद्युत हानियां कम करने को लगेंगे स्मार्ट मीटर, 130 करोड़ का प्रविधान
  • बड़े वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा सेवा कंपनी कार्य माडल के माध्यम से ऊर्जा बचत
  • मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 40 प्रतिशत तक सब्सिडी
  • राजकीय भवनों में 40 हजार ली. और व्यवसायिक भवनों में तीन लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के सोलर वाटर हीटर लगेंगे
  • लालकुआं-हल्द्वानी-काठगोदाम बाइपास परियोजना की डीपीआर शीघ्र
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्व मद के खर्च में वेतन-भत्तों, पेंशन की 83 प्रतिशत भागीदारी
  • राज्य कर्मचारियों के वेतन-भत्तों पर 17395.15 करोड़, सहायता प्राप्त शिक्षण व अन्य संस्थाओं के कार्मिकों के वेतन-भतों पर 1424.49 करोड़ होंगे खर्च
  • पेंशन व अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों के रूप में 7601.98 करोड़, ऋण देनदारी र 11227.63 करोड़, ब्याज अदायगी पर 6161.40 करोड़ किए जाएंगे खर्च
  • समेकित निधि से घाटा पूरा करने को 600 करोड़ लोक लेखा से होंगे समायोजित, वर्ष की प्राप्तियों एवं खर्च के बाद बजट 181.11 करोड़ धनात्मक रहने का अनुमान
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में सड़कों के अनुरक्षण और निर्माण मद में 850.47 करोड़ दिए गए। मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण रोजगार के अवसर बढ़ाने को 521.55 करोड़ खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 18658 आवासों का निर्माण मार्च, 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। माध्यमिक कक्षा के मेधावियों को छात्रवृत्ति देने की घोषणा की गई। माध्यमिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय खोलने के लिए धन दिया गया है। प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यानिकी, उद्योग, ऊर्जा एवं पर्यटन के क्षेत्र अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के साथ ही रोजगार के अवसर देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार ने इन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है। साथ में युवाओं और छात्र-छात्राओं के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। वर्कफोर्स डेवलपमेंट के लिए 100 करोड़ की राशि रखी गई। इससे कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को अतिरिक्त 1800 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को व सहायिकाओं को 1500 रुपये अतिरिक्त मानदेय मिलेगा। नंदा गौरा योजना के अंतर्गत नए बजट में 282.50 करोड़ की राशि रखी गई है। पूर्व सैनिकों को ध्यान में रखकर शौर्य स्थल के लिए 20 करोड़, सैनिक विश्राम गृहों के निर्माण को दो करोड़ समेत कई प्रविधान बजट में किए गए हैं। भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा में बुधवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 77407.08 करोड़ का राजस्व सरप्लस और कर मुक्त बजट प्रस्तुत किया। इसमें राजस्व घाटा नहीं है। बजट 4309.55 करोड़ का राजस्व सरप्लस संभावित है। इसमें 9046.91 करोड़ का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है। यह सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.72 प्रतिशत है। वर्ष 2023-24 में समेकित निधि का घाटा पूरा करने के लिए 600 करोड़ लोक लेखा से समायोजित किए जाएंगे। नए बजट में पूंजीगत परिव्यय में 133.80 करोड़ की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में यह 21.16 प्रतिशत वृद्धि है। बजट में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानी पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत आठ करोड़ का बजट रखा गया है। सिंचाई योजनाओं के संचालन को उपलब्ध 100 वर्गमीटर भूमि पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। औद्योगिक विकास के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गति शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत लाजिस्टिक में वित्तीय प्रोत्साहन के लिए 25 करोड़ की राशि बजट में रखी गई है। एकल खिड़की व्यवस्था में एमएसएमइ श्रेणी की 1707 परियोजनामें 5321 करोड़ के प्रस्ताव अनुमोदित किए गए हैं। इसमें 33 हजार व्यक्तियों के रोजगार के अवसर सृजित होंगे। वृहद श्रेणी के 16 उद्योगों में 3072 करोड़ के प्रस्ताव अनुमोदित किए गए हैं। इनमें 3268 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा। उत्तराखंड लाजिस्टिक सुविधाओं के विकास को वित्तीय प्रोत्साहन के प्रविधान किए गए हैं। सितारगंज में प्लास्टिक पार्क स्थापित करने की योजना के तहत 40 एकड़ भूमि में इन्हें विकसित किया गया है।

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