प्रतिबंधित जगहों पर उड़ने वाले ड्रोन को मार गिराने में पुलिस भी जल्द सक्षम होगी

प्रतिबंधित जगहों पर उड़ने वाले ड्रोन को मार गिराने में पुलिस भी जल्द सक्षम होगी। इसके लिए एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी पर काम शुरू हो गया है। पुलिस को ड्रोन डिटेक्शन एंड न्यूट्रलाइजेशन उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इन्हें प्रतिबंधित क्षेत्रों और रेड जोन में लगाया जाएगा। देहरादून में ट्रायल के बाद राज्य के महत्वपूर्ण स्थानों पर ये उपकरण लगेंगे।

अभी तक देश की सेनाओं के पास इस तरह की टेक्नोलॉजी मौजूद है। देहरादून के कैंट क्षेत्र में भी इस तरह के जैमर लगे हुए हैं, जो ड्रोन को ढूंढकर मार गिराने में सक्षम हैं। एयरपोर्ट पर भी इन उपकरणों को लगाया गया है। अब पुलिस ने भी अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पुलिसकर्मियों के लिए इसके लेक्चर शुरू कर दिए हैं।

एडीजी पुलिस संचार अमित सिन्हा ने बताया कि पुलिस एंटी ड्रोन सिस्टम पर काम कर रही है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी पर काम करने वाला सिस्टम होता है, जो ड्रोन को जाम कर देता है। पुलिस को पहले इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में यह सिस्टम लगेगा। एंटी ड्रोन सिस्टम के लिए पुलिस एक प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी है। इसके लिए अगले माह मानेसर के एनएसजी सेंटर में 14 दिन का प्रशिक्षण पुलिसकर्मियों को दिया जाएगा। एडीजी ने बताया कि फिलहाल इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। लगातार इसकी कक्षाएं संचार प्रशिक्षण केंद्र में लग रही हैं। एंटी ड्रोन सिस्टम को भारत में भी विकसित किया गया है। यह 10 सेकेंड में ड्रोन को ढूंढ लेता है। 30 सेकेंड के भीतर उसे जाम कर मार गिराता है। यह ड्रोन की रेडियो फ्रिक्वेंसी को फ्रीज कर देता है। इसके अलावा जीपीएस को डैमेज कर उसकी फोर्स लैंडिंग भी करवाई जा सकती है। यह 24 घंटे काम करता है। इसकी चार किमी की रडार डिटेक्शन रेंज होती है। पुलिसकर्मियों को ड्रोन फोरेंसिक का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें यदि कोई ड्रोन पकड़ा जाता है या मार गिराया जाता है तो उसके बारे में फोरेंसिक जांच से पता किया जा सकता है। मसलन, ड्रोन कहां से आ रहा था। किसने इसे उड़ाया था। क्या-क्या जानकारी अवैध रूप से इकट्ठा की गई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *