ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स एरोस्पेस फोर्स के प्रमुख अमीराली हाजीजादेह ने कहा है कि वे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को मार देंगें, जो में जनवरी 2021 से पहले राष्ट्रपति पद थे. वैसे तो यह बयान बिलकुल नया नहीं हैं. लेकिन इस बार यह ऐसे समय पर आया है जब ईरान ने अपनी नई क्रूज मिसाइल विकसित कर ली है जिसकी रेंज 1650 किलोमीटर है ट्रम्प को मारने का इरादा उनके शासनकाल में लिए गए ईरान के खिलाफ लिए गए फैसले और 2020 में बगदाद मे ड्रोन हमले में मारे शीर्ष सैन्य कमांडर की मौत का बदला लेने के लिए है. रूस यूक्रेन युद्ध के बाद बदले भूरजानैतिक समीकरणों ने ईरान को रूस को साथ ला दिया है. ऐसे में मिसाइल का विकास अमेरिका की टेंशन बढ़ा सकता है जबकि ईरान रूस को पहले ही अपने ड्रोन दे चुका है जिनकी वजह से यूक्रेन में काफी तबाही भी हुई है. वहीं रूस भी ईरान का काफी सैन्य सहायता देकर उसे मजबूती दे सकता है और अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का असर कम कर सकता है. ईरान बार बार अपने शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने की बात कहता है जो इस बार फिर हाजीजादेह ने दोहराई है. हाजीजादेह ने कहा कि ईरान का इरादा “बेचारे सैनिकों” का मारने का नहीं था जब उसने अमेरिका की अगुआई वाली सेना पर ईराक में हमला किया था. यह हमला 2020 सुलेमानी की मौत के बाद बैलेस्टिक मिसाइल से किया गया था. ईरान सुलेमानी की मौत और पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए उस पर प्रतिबंध से लेकर ईरान की न्यूक्लियर डील को खत्म करने के लिए ट्रम्प को जिम्मेदार मानता है. ट्रम्प जनवरी 2017 से लेकर जनवरी 2021 तक अमेरिका के राष्ट्रपति थे जिस दौरान ईरान और अमेरिका के संबंध बहुत ही ज्यादा खराब होते चले गए थे जिसके बाद से प्रतिबंधों के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था खराब होती चली गई है.
हाजीजादेह ने स्टेट टीवी को दिए बयान में बताया कि उनकी नई क्रूज मिसाइल की रेंज 1650 किलोमीटर है और यह इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की हथियारों के जखिरे में शामिल कर ली गई है. शो में पावेह नाम की क्रूज मिसाइल की पहली फुटेज दिखाई गई थी. इसी टेलीविजन इंटरव्यू में हाजीजादेह ने ट्रम्प को मारने की बात भी दोहराई थी. इंटरव्यू में हाजीजादेह ने कहा, “अल्लाह की मर्जी से हम ट्रम्प, (पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक) पोमपियो को मारना चाहते हैं.” उसने आगे कहा कि उन सैन्य कमांडरों को मरना चाहिए जिन्होंने सुलेमानी को मारने का आदेश दिया था. ईरान की नेता हर मौके पर सुलेमानी की मौत का बदला लेने का संकल्प दोहराते रहते हैं.
ईरान अमेरिका के संबंध कई दशकों से अच्छे नहीं चल रहे हैं. ट्रम्प शासन काल से पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए यूरोप-अमेरिका और ईरान के बीच न्यूक्लियर डील कराई थी जिसे ट्रम्प ने खत्म कर दिया था और ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इसके बाद सुलेमानी की हत्या ने हालात और खराब दिए जिसके बाद ईरान ट्रम्प को इस सब के लिए जिम्मेदार मानता है. ट्रम्प के ईरान पर कठोर प्रतिबंध लगाने के बाद ही ईरान ने परमाणु बम बनाने पर काम तेज कर उसे बना भी लिया था और रूस यूक्रेन युद्ध में ईरान ने रूस को अपने खतरनाक ड्रोन भी दिए थे. इतना ही नहीं हाल ही में ईरान ने रूस से समझौता किया है जिससे अब रूस में ही ऐसे ड्रोन भारी संख्या में निर्मित हो सकेंगे. इससे अमेरिका की चिंताएं बहुत बढ़ गई हैं.