भारत और श्रीलंका ने द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के प्रयासों के तहत श्रीलंका के समुद्री तट के नजदीक स्थित पूर्वी जिले त्रिंकोमाली में दो चरणों 135 मेगावॉट का सौर ऊर्जा संयंत्र बनाने का फैसला लिया है। इसपर श्रीलंका की कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी है। दोनों देश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग करेंगे। पिछले दिनों इसपर दोनों देश के बीच समझौता हुआ था। श्रीलंका ने 2030 तक अपनी बिजली की आवश्यकता का 70 प्रतिशत सौर ऊर्जा से उत्पन्न करने का लक्ष्य बनाया है। इस हफ्ते आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक के एक नोट में कहा गया है, ‘भारतीय राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम और सीलोन बिजली बोर्ड ने संयुक्त रूप से दो चरणों में एक सौर ऊर्जा परियोजना को लागू करने के लिए एक समझौता किया है।’बयान में कहा गया है, ‘इस परियोजना के पहले चरण के रूप में, 42.5 मिलियन अमरीकी डालर के कुल अनुमानित निवेश के साथ 50 मेगावाट की एक सौर ऊर्जा परियोजना को लागू करने और 23.6 अमरीकी डालर खर्च करने वाले संपुर से कप्पलथुरे तक 40 किलोमीटर की लंबाई के साथ 220 किलोवाट ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण करने की उम्मीद है। इसके 2024 से 2025 तक दो साल में इस चरण को पूरा करने की उम्मीद है।’ नोट में कहा गया है कि इस परियोजना के दूसरे चरण में 72 मिलियन अमरीकी डालर के कुल निवेश के तहत अतिरिक्त 85 मेगावाट के साथ एक सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र का निर्माण होने की उम्मीद है। भारत सरकार ने तटीय पवन और बायोमास सहित सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करने वाली बिजली उत्पादन परियोजनाओं के संचालन और सुविधा के द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने और मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की है।