शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद मामले की पहली सुनवाई 12 दिसंबर को

शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद मामले की पहली सुनवाई 12 दिसंबर होगी। भारत निर्वाचन आयोग इस मामले की सुनवाई करेगा। इसके तहत आयोग ने दोनों पक्षों (उद्धव व शिंदे गुट) को अपने-अपने दस्तावेज व बयान नौ नवंबर शाम पांच बजे तक दाखिल करने का निर्देश दिया है। 

दरअसल, तीन नवंबर को महाराष्ट्र के अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न को फ्रीज कर दिया था। इसके बाद दोनों गुटों को अलग-अलग नाम और चिह्न आवंटित किए गए थे। चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम आवंटित किया था। इसके साथ ही जलती हुई मशाल चुनाव चिह्न के रूप में आवंटित की गई थी। वहीं, वहीं एकनाथ शिंदे गुट को बालासाहेबची शिवसेना नाम दिया गया था। इस गुट को चुनाव चिह्न के रूप में दो तलवारें और ढाल आवंटित किया था। 

दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका 
इससे पहले मामले में 15 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे की याचिका खारिज कर दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह शिवसेना के दो धड़ों के बीच जारी विवाद पर जल्द से जल्द फैसला करे। अदालत ने कहा था कि चुनाव आयोग का आदेश उपचुनाव के उद्देश्य से था। वह कोई अंतिम निर्णय नहीं है? जब उपचुनाव पहले ही हो चुके हैं, ऐसे में अंतरिम आदेश का अब कोई अस्तित्व ही नहीं बचता। ऐसे में अदालत को चुनाव आयोग का अंतिम विचार का इंतजार क्यों नहीं करना चाहिए?

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